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Vigilance in Chhattisgarh: छत्‍तीसगढ़ में लागू हुआ विजिलेंस सिस्‍टम: NPG.NEWS की खबर पर मुहर, सरकार ने जारी किया आदेश, जानिये... इससे आम लोगों को क्‍या होगा फायदा

Vigilance in Chhattisgarh: छत्‍तीसगढ़ में विजिलेंस सिस्‍टम लागू किए जाने के संबंध में एनपीजी न्‍यूज से एक दिन पहले प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था। एनपीजी ने यह भी बताया था कि एक-दो दिन में इस संबंध में आदेश जारी होगा। सरकार ने विजिलेंस सिस्‍टम लागू करने को लेकर आज आदेश जारी कर दिया है।

Vigilance in Chhattisgarh: छत्‍तीसगढ़ में लागू हुआ विजिलेंस सिस्‍टम: NPG.NEWS की खबर पर मुहर, सरकार ने जारी किया आदेश, जानिये... इससे आम लोगों को क्‍या होगा फायदा
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By Sanjeet Kumar

Vigilance in Chhattisgarh: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में विजिलेंस सिस्‍टम लागू कर दिया गया है। यह राज्य का तीसरा प्रमुख राजस्व अर्जित करने वाला विभाग है। विभाग के राजस्व योगदान को बढ़ाने और किसी भी संभावित राजस्व कर चोरी को रोकने के लिए विभागीय मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यालय में एक सतर्कता प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। वर्तमान में पंजीयन एवं मुद्रांक संबंधित प्रकरणों में कर निर्धारण अधिकारी द्वारा त्रुटि पूर्ण निर्धारण होने पर उसकी पहचान तथा रिएसेसमेंट (पुनर्मूल्यांकन) की कोई सार्थक व्यवस्था नहीं थी। सतर्कता प्रकोष्ठ बड़े मूल्य की रजिस्ट्री की जांच एवं परीक्षण कर उसमें किसी भी संभावित कर अपवंचन का पता लगाएगा।

विजिलेंस प्रकोष्ठ द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों, कारखानों के अधिग्रहण, समामेलन तथा स्वामित्व अंतरण के प्रकरणों में निर्धारित बाजार मूल्य एवं स्टांप शुल्क की जांच सतत रूप से की जाएगी। उप पंजीयक कार्यालय में 5 करोड़ से अधिक कीमत की रजिस्ट्री की संवीक्षा भी सतर्कता प्रकोष्ठ करेगा। सतर्कता प्रकोष्ठ अपने कार्यों के निष्पादन के लिए दूसरे विभागों से सहायता प्राप्त कर सकेगा, मौके पर जाकर स्थल निरीक्षण भी कर सकेगा।

अत्याधुनिक तकनीक से डाटा एनालिसिस के द्वारा सतर्कता प्रकोष्ठ को इनपुट उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष डेटा विश्लेषण टीम की स्थापना सतर्कता प्रकोष्ठ के अन्तर्गत की जाएगी। यह टीम पंजीयन दस्तावेज़ो से प्राप्त डेटा पर विश्लेषण कर संभावित कर अपवंचन (टैक्स चोरी) के प्रकरणों की जानकारी सतर्कता प्रकोष्ठ को उपलब्ध कराएगी।

देश के दूसरे राज्यों तथा दूसरे कराधान विभागों में कर प्रणाली में समय-समय पर होने वाले परिवर्तन का अध्ययन एवं समायोजन भी सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा किया जाएगा। सतर्कता प्रकोष्ठ की स्थापना से कर अपवंचन में प्रभावी रोकथाम तथा राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी।

जानिये...क्‍या काम करेगी विजिलेंस यूनिट

1. राज्य के उप पंजीयक कार्यालयों में पंजीकृत विलेखों का रेंडम निरीक्षण कर सही वर्गीकरण होने का परीक्षण करते हुए बाजार मूल्य एवं प्रभार्य शुल्क का परीक्षण उपरांत राजस्व अपवंचन संबंधी विलेखों की जानकारी, महानिरीक्षक पंजीयन को प्रस्तुत करना।

2. उप पंजीयक कार्यालयों में पंजीबद्ध महत्वपूर्ण विलेखों जैसे पट्टा, दानपत्र, व्यवस्था-पत्र, विनिमय, विभाजन, न्यास-विलेख, हकत्याग, मुख्त्यारनामा आदि विलेखों तथा स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क से छूट संबंधी विलेखों में छूट की प्रात्रता एवं शर्तों के अनुपालन के संबंध में समुचित रूप से परीक्षण करना।

3. कलेक्टर ऑफ स्टाम्प द्वारा निर्णित प्रकरणों का परीक्षण- भारतीय स्टाम्प अधिनियम की धारा 31, धारा 33, धारा 47-क (1) एवं (3) के प्रकरणों में पारित आदेशों का परीक्षण करना तथा न्याय निर्णयन के मामलों में अनुसरित समयावधि, क्रिया विधि, प्रक्रिया का परीक्षण करना तथा न्यून मूल्यांकन के प्रकरणों में यदि प्रचलित गाइडलाइन तथा उपबंधों के अनुसार कम दर पर बाजार मूल्य निर्धारण किया गया है, तो ऐसे प्रकरणों को महानिरीक्षक पंजीयन के समक्ष प्रस्तुत करना।

4. कंपनियों के समामेलन, पुनर्गठन, स्वामित्व अंतरण, अधिग्रहण से संबंधित समस्त प्रकरणों में प्रभार्य स्टाम्प शुल्क का परीक्षण करना।

5. औद्योगिक इकाइयों से संबंधित अंतरण विलेखों में प्लांट एवं मशीनरी का समुचित रूप से मूल्यांकन किया गया है अथवा नहीं, इस संबंध में परीक्षण करना।

6. माइनिंग लीज से संबंधित समस्त विलेखों में प्रभार्य शुल्क का परीक्षण करना।

7. स्टाम्प प्रकरणों की निगरानी के लिए अन्य राज्यों एवं अन्य कराधान विभागों के द्वारा अपनाए जा रहे प्रावधानों, प्रक्रियाओं का अध्ययन कर महानिरीक्षक पंजीयन को सुझाव प्रस्तावित करना।

2/ उपरोक्त कार्यों के प्रभावी निष्पादन के लिए आवश्यकता होने पर सतर्कता दल के द्वारा मौका निरीक्षण किया जा सकेगा तथा विचाराधीन प्रकरणों में संपत्तियों के मूल्यांकन के लिए आवश्यकता पड़ने पर अन्य विभागों से जानकारी प्राप्त करना।

3/ सतर्कता प्रकोष्ठ के प्रभारी अधिकारी, महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक के नियंत्रण में रहेंगे तथा सीधे महानिरीक्षक पंजीयन को रिपोर्ट करेंगे।

4/ कलेक्टर ऑफ स्टाम्प के द्वारा जारी किए गए आदेश अथवा निरीक्षण किए गए दस्तावेज प्रत्येक पंद्रह दिवस में अनिवार्य रूप से सतर्कता प्रकोष्ठ को प्रेषित किये जायेंगे।

पढ़ें- एनपीजी न्‍यूज की यह खबर- छत्तीसगढ़ में अब विजिलेंसः इस विभाग में लागू होने जा रहा निगरानी सिस्टम, आजकल में निकलेगा आदेश

रायपुर। गुड गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार विभागों में अब विजिलेंस सिस्टम लागू करने जा रही है। पंजीयन याने जमीन और संपत्ति की रजिस्ट्री करने वाला छत्तीसगढ़ का पहला विजिलेंस वाला विभाग बनने जा रहा है। पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने कल विजिलेंस की फाइल पर दस्तखत कर दिया। याने अब राजपत्र में इसे प्रकाशित होना बाकी है। राजपत्र में प्रकाशित होते ही पंजीयन विभाग में विजिलेंस सेल गठित करने का आदेश आजकल में जारी हो जाएगा। विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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